एल्युमीनियम बर्तनों के दुष्प्रभाव aluminum bartan ke nuksan Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi एल्युमीनियम बर्तनों के दुष्प्रभाव aluminum bartan ke nuksan - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

एल्युमीनियम बर्तनों के दुष्प्रभाव aluminum bartan ke nuksan

क्यों हानिकारक हैं एल्युमीनियम के बर्तन ?

सिलिकाॅन और आक्सीजन के बाद धरती की सतह पर अधिक मात्रा में पाया जाने वाली धातु एल्युमीनियम ही है। एल्युमीनियम बर्तनों इस्तेमाल लगभग सभी घरों में होता है। एल्युमीनियम बर्तनों में कड़ाही, फ्राईंग पैन, कुकरप्रेशर, पतीला, देगची, केतली, ड्रम, माईक्रोवेव और बाल्टी का उपयोग अधिक है। 

एल्युमीनियम काफी हल्का धातु भी होता है। जोकि ऊष्मा का अधिक सुचालक है। कम ऊर्जा में अधिक गर्म हो जाता है। सभी धातुओं में एल्युमीनियम बहुउयोगी धातु है। एल्युमीनियम बर्तन, इंजीनियरिंग, पेयपदार्थ केन, सौंन्दर्य प्रसाधनों एवं औद्योगिक क्षेत्र में अधिक उपयोग होता है। परन्तु वनस्पति विज्ञान में एल्युमीनियम का उल्लेख नहीं मिलता। क्योंकि एल्युमीनियम खास धातु के श्रेणी में नही आता। नाहि इसके अवशेष फायदेमंद हैं।

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शरीर भी एल्युमीनियम लवणों को पसीने, मल, मूत्र, बालों, नाखूनों और त्वचा की बाहरी परत के माध्यम से निरन्तर निकालता रहता है। फिर भी रोज शरीर में लगभग 15 मिलीग्राम से 20 मिलीग्राम तक एल्युमीनियम आक्साइड जमा रहता है। अधिक मात्रा में एल्युमीनियम बर्तनों के गलत इस्तेमाल से लवण शरीर में जमा होने लगते हैं। जोकि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। क्योंकि एल्युमीनियम में लेड कैडमियम और आर्सेनिक जैसे घातक तत्व भी मौजूद होते हैं।

एल्युमीनियम बर्तनों के इस्तेमाल से नुकसान और सावधानियां / Aluminum Bartan ke Nuksan

  • एल्युमीनियम धातु में ऊष्मा का जल्दी संचलित होने का गुण है। एल्युमीनियम बर्तन स्टील बर्तनों की तरह जल्दी गर्म होते हैं। जिससे रसोई गैस, चूल्हा ज्यादा जलने की भी बचत होती है। परन्तु अधिक मात्रा में एल्युमीनियम बर्तनों का इस्तेमाल हानिकारक है।
  • एल्युमीनियम बर्तनों का जला हुआ भोजन भी घातक होता है। कई बार चावल, दाल आदि बनाते वक्त भोजन सड़- जलने लगता है। एल्युमीनियम बर्तनों के सड़े जले भोजन में एल्युमीनियम लवण अधिक मात्रा में इकत्रित हो जाते हैं। हमेशा हल्की आंच का इस्तेमाल करें।
  • एल्युमीनियम बर्तन अचार, खट्टी चीजों को जल्दी और ज्यादा खटाई बनाती हैं। परन्तु एल्युमीनियम बर्तन में ज्यादा देर तक खाना रहने से भोजन पौषक तत्व कम हो जाते हैं।
  • एल्युमीनियम बर्तनों की चीजें ज्यादा देर तक रहने से विषाक्त रूप ले सकती हैं। जोकि अधिक मात्रा में एल्युमीनियम लवण अवशोषित कर देती हैं।
  • खाने पीने के चीजों को ज्यादा देर तक एल्युमीनियम बर्तनों नहीं रखें। खाने पीनी की चीजें ज्यादा देर तक एल्युमीनियम बर्तनों रखने से खाने योग्य नहीं रहती हैं।
  • एल्युमीनियम बर्तनों में अचार, नमक, मसाले, दूध, घी, दही, आईसक्रीम और पानी नहीं रखें। इस तरह के खाद्यसामग्री एल्युमीनियम बर्तनों में जल्दी अभिक्रिया करती है।
  • एल्युमीनियम बर्तनों से ज्यादा सिलिकाॅन बर्तनों का इस्तेमाल फायदेमंद है।
  • एल्युमीनियम बर्तनों में ज्यादा देर तक खाने पीने की चीजें रहने पर व्यक्ति को खुद स्वाद फीका और रंग बदला नजर आता है। एल्युमीनियम बर्तनों के इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करें।
  • एल्युमीनियम धातु से बने कोल्ड ड्रिंक केन, बीयर केन, जूस केन और हर तरह की खाद्य सामग्री हानिकारक होती हैं। बड़ी बड़ी नामी कम्पनियां एल्युमीनियम धातु से पतली पतली केन, डिब्बे, बोतले बनाकर उनमें खाद्य सामग्री, सौन्दर्य प्रसाधन, दैनिक दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली चीजें पैक सीलबंद कर बेचती हैं।
  • एल्युमीनियम धातु स्वास्थ्य किसी धीमे जहर से कम नहीं है। क्योंकि बहुत ही कम कम्पनियों के एल्युमीनियम धातु से बने केन, बर्तन एनोडाइज होते हैं। अन्यथा सभी कम लागत में सस्ते एल्युमीनियम धातु का इस्तेमाल करती है।
  • एल्युमीनियम बर्तनों के गलत और अधिक इस्तेमाल करने से गुर्दें, दिमाग, हृदय, आंखों, दातों, हड्डियों और पाचन तंत्र पर पड़ता है। एल्युमीनियम इस्तेमाल हमेशा ध्यानपूर्वक करें।