फेसबुक और एप्पल जैसे सैकड़ों बिजनिसमैन का सफलता का राज कैची धाम उत्तराखंड भ्रमण
भारत एक ऐसा देख है जहां विश्व भर के लोग आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित, भ्रमण और जीवन में सफलता का राज जानने के लिए आते हैं। और आध्यात्मिक ज्ञान आर्शीवाद लेकर व्यवसाय शुरू करते हैं। और सफल हो जाते हैं। विश्व प्रसिद्ध एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबट्र्स, गूगल के पूर्व डायरेक्टर, मशहूर लेखक डेनियल, विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर रिचर्ड एल्पेर्ट से लेकर विश्व भर के सफल व्यक्ति नीम कैरोली बाबा उत्तराखंड दर्शन से सफल हुए हैं। कहते हैं कि जो व्यक्ति कैची धाम में निस्वार्थ सच्चे मन से यात्रा करता है। वह जीवन में सफल होता ही है।

श्री कैचीं धाम परिचय
आस्था का प्रतीक और अचंभित करने वाला "कैची धाम" उत्तराखंड के भवाली-अल्मोड़ा रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग, नैनीताल में नदीं किनारे स्थित है। कैची धाम भवाली अल्मोड़ा से लगभग 9 किमी, नैनीताल से लगभग 17 किमी है। तपस्वी, चमत्कारी और आध्यात्मिक ज्ञानी नीम कैरोली बाबा सन् 1962 यहां आये थे। 15 जून, सन् 1964 का बाबा ने यहां हनुमान मूर्ति की प्रतिष्ठा की थी। इसलिए हर वर्ष 15 जून को कैची धाम में खास दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आस्था का प्रतीक और अचंभित करने वाला "कैची धाम" उत्तराखंड के भवाली-अल्मोड़ा रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग, नैनीताल में नदीं किनारे स्थित है। कैची धाम भवाली अल्मोड़ा से लगभग 9 किमी, नैनीताल से लगभग 17 किमी है। तपस्वी, चमत्कारी और आध्यात्मिक ज्ञानी नीम कैरोली बाबा सन् 1962 यहां आये थे। 15 जून, सन् 1964 का बाबा ने यहां हनुमान मूर्ति की प्रतिष्ठा की थी। इसलिए हर वर्ष 15 जून को कैची धाम में खास दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आधुनिक समय में कैची धाम खास हनुमान मन्दिर है। कैची धाम दर्शन के लिए विश्वभर से दर्शन के लिए लाखों श्रदालु आते हैं। भक्तों अनुसार बाबा की कृपा से सभी बिगड़े काम आसानी से बन जाते हैं। नीम कैरोली बाबा आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण थे। बाबा भक्तों का सही मार्गदर्शन करते थे। नीम करोली बाबा की महिमा न्यारी मानी जाती है। नीम कैरोली बाबा बहुत ही साधारण जीवन व्यतीत करते थे। नंगे पांव रहते थे। आधुनिक साधनों का होते हुए कभी भी जीवन में उनका इस्तेमाल नहीं किया। भक्तजनों अनुसार बाबा पर हनुमान जी के अंश विद्वमान थे। श्नीम करौली बाबा सच्चे, सरल, मधुर स्वभाव के आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण थे। जिन्हें नीम करौली महाराज से भी जाना जाता है। श्नीम करौली बाबा का उपनाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। बाबा का जन्म सन् 1900 माना जाता है। और बाबा जी का निधन 11 सितम्बर सन् 1973 को हुआ था।
नीम कैरोली बाबा के विचारों और अध्यात्मिक ज्ञान पर कई पुस्तकें लिखीं गई है। उनकी किताबें दुनियां को कैंची धाम की ओर आकर्षित करती हैं। आज भी जब कोई व्यवसायी नया व्यवसाय खोलता है तो एक बार कैचीं धाम दर्शन के लिए अवश्य जाता है। भक्तों अनुसार बाबा के निधन के बाद आज भी वह जगह उसी तरह से पवित्र मार्गदर्शक है। कहते हैं कि कैचीं धाम में सच्चे मन से ध्यान करने पर उनकी एक झलक भक्तों को आज भी महसूस होती है। नीम कैरोली बाबा की विश्वभर में खास पहचान है। नीम कैरोली बाबा बहुत ही आक्रर्षण केन्द्र बना है।