दस्त उपचार Dast Upchar Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi दस्त उपचार Dast Upchar - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

दस्त उपचार Dast Upchar

Home Remedies to Cure Loose Motion : मौंसम बदलते ही स्वास्थ्य समस्याएं होने आरम्भ हो जाती हैं। जिसका प्रभाव सर्वप्रथम पाचन तंत्र पर पड़ता है। जिससे अपचन और दस्त लगना आम समस्या है। जिसे डायरिया भी कहा जाता है। कई बार अन्य वजहों जैसेकि बैक्टीरिया - संक्रमण फैलने या फिर पेट इंफेक्शन, अपचन, गलत खान-पान से भी दस्त - लूस मोशन समस्या होती है। 

लूस मोशन समस्या में तुरन्त चिकित्सकीय उपचार नहीं होने पर घरेलू नुस्खों से भी काफी हद तुरन्त आराम पा सकते हैं। लूस मोशन रोकने के अजमाये तरीके और लूस मोशन ठीक होने पर क्या खायें पीयें सम्बन्धित विस्तृत जानकारी निम्नलिखित प्रकार से है।

लूजमोशन रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Loose Motion in Hindi / Loose Motion Prevention Best Tips) Dast Upchar

दस्त उपचार, Dast Upchar, लूजमोशन रोकने के लिए घरेलू उपाय , Home Remedies for Loose Motion Hindi, dast ki dava, Loose motion ka gharelu ilaj, लूजमोशन

  • आधा चम्मच जीरा और एक चम्मच सौंफ को बारीक पीसकर पाउडर बनायें। और 1 गिलास गुनुने पानी के मिलाकर पीयें। यह तरीका दस्त (Diarrhea) को रोकने में सहायक है।
  • दस्त लगने पर सूखी अदरक (सौंठ) पाउडर गर्म पानी के साथ उबलें। ठंड़ा होने पर पीयें। अदरक सौंठ पानी पेट मरोड़े - दस्त रोकने अच्छा तरीक माना जाता है।
  • पेट फूलने पर गले में उगली डालकर उल्टी करें। कई बार भोजन अचन के कारण भी पेट फूलता है। इस स्थिति में गले में उगली डालकर उल्टी करें। उल्टी करने से अपचित विषाक्त भोजन उल्टी के माध्यम से बाहर आ जाता है। और दस्त समस्या भी कम हो जाती है।
  • दस्त लगने पर सूखे अनार छिलकों का काढ़ा सेवन तुरन्त आराम दिलाने में सहायक है। अनार छिलका दस्त - डायरिया पुराना घरेलू उपचार है।
  • एक गिलास पानी में 5-6 ईलायची पीसकर अच्छे से मिलायें, फिर हल्की आंच में पकायें। गुनगुना होने पर पीयें। ईलायची पानी दस्त रोकने में सहायक है।
  • एमोडियम कैप्सूल शीघ्र दस्त - लूस मोशन रोकने में सक्षम है। 2 एमोडियम कैप्सूल एक साथ सादे पानी के साथ सेवन करें। एमोडियम कैप्सूल और पैरासीटामोल टैबलेटस लगभग सभी घरों में आपात काल के लिए रखे जाते हैं।
  • सूखें जामुन पत्तों को पीसकर उबालकर पीने से दस्त समस्या से जल्दी आराम मिलता है।
  • 1 कप चायपत्ती गर्म पानी में आधा कप से कम ठंड़ा पानी मिलाकर पीयें। इस से भी दस्त समस्या से तुरन्त आराम मिलता है।
  • 1 चम्मच भुने मेथी दानों का फंक दही के साथ खाने से दस्त समस्या में आराम मिलता है। परन्तु मेथीदाना दही 8 साल से छोटे बच्चों को नहीं दें।
  • पेचिश दस्त समस्या में बबूल की ताजी पत्तियां या छाल रस उबालकर दिन में 2-3 पीयें। बूूबूल डायरिया - दस्त में काफी प्रभावशाली औषधि है। यह पेट इंफेक्शन से भी बचाने में सहायक है।
  • दस्त समस्या अर्जुन की छाल या पत्तियां का काढ़ा पीना फायदेमंद है। अर्जुन काढ़ा पेट मरोड़े - दर्द में आराम और दस्त से होने वाले इंफेक्शन से बचाने में सहायक है।
  • दस्त लगने पर कच्चे सिंघाड़े खायें। और 30 मिनट बाद बिना चीने के लस्सी पीयें। सिंघाड़े और लस्सी दस्त रोकने में सहायक है।
  • लूस मोशन में कैमोमाइल चाय दस्त रोकने में सहायक है। 2 चम्मच कैमोमाइल फूल और 6-7 पुदीना पत्तों 1 लीटर पानी में उबाल कर रखें। फिर दिन में 2-3 बार पीयें। कैमोमाइल पुदीना से बनी चाय और काढ़ा दस्त में खास घरेलू उपाय है।
  • दस्त लगने पर सहजन (ड्रमस्टिक) की पत्तियां रस शहद के साथ खाना फायदेमंद है। सहजन पत्तियां दस्त रोकने में सहायक है। सहजन पत्तियां 20 वर्ष से कम आयुवर्ग के लिए मना है। सहजन सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। सहजन रक्त संचार तीब्र सकता है।
  • दस्त समस्या से इंफेक्शन से बचने के लिए आधा चम्मच कच्ची हल्दी रस 1 गिलास पानी के साथ दिन में एक बार सेवन करें। कच्ची हल्दी रस पेट इंफेक्शन बैक्टीरिया फैलने से बचाये रखने में सहायक है। और रक्त को साफ भी करता है।

दस्त (लूस मोशन) लगने पर क्या खायें पीयें ?
  • दस्त (लूस मोशन) समस्या में बार-बार प्सास लगने पर पुदीना पत्तों को उबाल कर खूब पीयें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
  • दस्त लगने पर दही में ईसबगोल मिलाकर कर सेवन करें। चीनी, नमक आदि से परहेज करें।
  • दस्त लगने पर अनार का जूस पीयें। अनार जूस में कुछ नहीं मिलायें। अनार जूस दस्त में डिहाइड्रेशन से बनाने का अच्छा माध्यम है।
  • दस्त लगने पर दही खायें। दही बैक्टीरिया दस्त को रोकने का अच्छा माध्यम है। और दही के साथ चीनी नमक आदि नहीं मिलायें। दही काफी हद तक पेट इंफेक्शन, दर्द कम करता है। दही के साथ चावल खा सकते हैं।
  • दस्त लगने पर पका केला खायें। केले में पोटेशियम, पेक्टिन और फाइबर काफी होता है। जोकि दस्त लगने से बचाता है। और पाचनतंत्र को पुनः सुचारू करता है।
  • दस्त लगने पर बेल शरबत पीयें। बेल बीज सेवन नहीं करें। पके बेल गुदा और शरबत दोनों मरीज के लिए फायदेमंद है।
  • दस्त समस्या के बाद जल्दी पचने वाली चीजों में गाजर जूस, सूप या फिर उबली गाजर लें। गाजर जल्दी पाचन होता है। और पेट के इंफेक्शन को भी जल्दी ठीक करने में सहायक है।
  • डायरिया दस्त समस्या उबले आलू खाना फायदेमंद है। आलू में काफी मात्रा में स्टार्च होता है। लूस मोशन जल्दी रोकने में उबले आलू खाना फायदेमंद है।
  • दस्त लगने पर 2 चममच दालचीनी 1 लीटर पानी में उबालकर रखें। दिन में 2-2 बार पीयें। दस्त समस्या में दालचीनी पानी पीना फायदेमंद है।
  • दस्त समस्या कम होने पर मूंगदाल की खिचड़ी खायें। मूंगदाल खिचड़ी जल्दी पाचन होती है। परन्तु मूंगदाल खिचड़ी भी सीमित मात्रा में खायें।
  • दस्त समस्या में नारियल पानी पीयें। कच्चा नारियल पानी दस्त लगने से पेट में होने वाले दर्द और इंफेक्शन से बचाने में सहायक है।
  • दस्त समस्या में 2 चम्मच सेब सिरका 1 गिलास सादे पानी में घोलकर पीना फायदेमंद है। सेब सिरका दस्त के दौरान एंटीमाइक्रोबायल और एंटी इंफलामेंटरी पाने का अच्छा माध्यम है। सेब सिरका पेट संक्रमण इंफेक्शन सूजन से बचाने में सहायक है।
  • दस्त - लूस मोशन रूकने के तुरन्त बाद सख्त चीजें नहीं खायें। लस्सी, दही, नारियल पानी, छाछ़, मूंगदाल खिचड़ी सेवन करें। बार-बार पानी पीयें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।

लूजमोशन (दस्त) के दौरान सावधानियां

  • काढ़ा तैयार होने पर छान के ही सेवन करें। अधिक गर्म पेय नहीं पीयें। गुनगुना ठंड़ा होने पर ही सेवन करें।
  • एक ही समय में सभी नुस्खें नहीं अजमायें। 3 घण्टे बाद अगला उपाय लें। जल्दी ठीक होने के चक्कर में लूस मोशन ठीक होने बाद पेट सूख भी सकता है।
  • उपरोक्त सुझाव आपातकालीन हैं। 
  • अगर मरीज की हालत गम्भीर है तो तुरन्त उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जायें।