रात को सोने के नियम raat ko sone ke niyam Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi रात को सोने के नियम raat ko sone ke niyam - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

रात को सोने के नियम raat ko sone ke niyam

Sleeping Rules : समय पर खान-पान, सोना, जागना स्वस्थ शरीर और अच्छे जीवन शैली की पहचान है। स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। परन्तु अधिकत्तर लोग 6-7 घण्टे सोने के बावजूद भी पूर्ण नींद नहीं ले पाते हैं, और सोने के बाद उठने पर कमर दर्द, हाथ दर्द, गर्दन दर्द, पेट दर्द, हाथ दबना, बाजू दर्द, शरीर में झंझनाहट आदि तरह की समस्याओं के बारे में जिक्र करते हैं। 
यह सारी समस्याएं गलत तरह से सोने, गलत बिस्तर चयन और कर्वटें बदलने की वजह से होती हैं। लगातार गलत तरीके से साने और आरामदायक बिस्तर, टाईट कपड़े पहनने से विभिन्न शरीरिक समस्याएं बीमारी रूप में बदल जाती हैं। कई बाद नींद नहीं आने पर लोग नींद दवाईयां सेवन करने लगते हैं। जिसके विभिन्न दुषप्रभाव होने लगते हैं। स्वस्थ निरोग दीर्घायु रहने के लिए पर्याप्त नींद भी जरूरी है।

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आरामदायक पहनावा
सोने से पहले ढ़ीले आरामदायक कपड़े पहने। सोते समय टाईट - तंग कपड़े पहने रहने से भी नींद नहीं आती है। अच्छी नींद लेने के लिए आरामदायक ढ़ीले कपड़े पहना जरूरी है। सोते समय तंग पहनावा भी विभिन्न शरीरिक समस्याओं का एक मुख्य कारण बनता है।

सोने से पहले पानी पीना
सोने से 5 मिनट पहले 1 गिलास सादा पानी पीयें। सोने से पहले पानी पीने से नींद अच्छी आती है। पाचन तंत्र दुरूस्त और मस्तिक स्वस्थ रहता है। पानी पीने के बहुत से फायदे हैं।

तनाव रहने पर नहाना
तनाव में रहने की समस्या से नींद नहीं आने पर सादे पानी से नहायें। नहाने से शरीर मांसपेशियों मस्तिष्क को आराम मिलता है। और शरीर में अतिरिक्त आक्सीन ऊर्जा का निमार्ण होता है, और अच्छी नींद आती है। अगर नहाना नहीं है, तो सोने से पहले ठंड़े पानी से मुंह और पैर धायें। मुंह पैर धोने से काफी हद तक शरीरिक थकावट कम हो जाती है।

तनाव में बेफिक्र होकर सोना

बिस्तऱ में पड़ने पर शांत मन से सोये। किसी तरह की उलझन, फ्रिक, क्रोध आने वाली बातों को याद नहीं करें। शांत होकर लेटें। शांति से सोने पर जल्दी और अच्छी नींद आती है।

बिस्तर चयन
बिस्तर साफ सुथरा रखें। हमेशा विस्तार झाड़कर सोयें। कठोर गद्दा, खुर्दरी चादर कम्बल, रजाई, तकिया आदि इस्तेमाल नहीं करें। साफ्ट - मुलायम बिस्तर, तकिया लें। और अधिक ऊंचा तकिया इस्तेमाल नहीं करें। कठोर बिस्तर और तकिया भी गर्दन दर्द - कमर दर्द और अन्य तरह की विभिन्न शरीरिक समस्याओं का कारण बन जाता है। और बिस्तर को कुछ समय अंतराल पर धूप में अवश्य सुखायें। चादर, राजाई, विस्तर, तकिया, कम्बल, गद्दे आदि विस्तर धूप में सुखाने से बिस्तर के अन्दर पनपने वाले कीटाणु जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। बिस्तर स्वच्छ रहता है। और नियमित बिस्तर चादरें, कवरें बदलते रहें। और सर्दी मौसम में धूप सेंकें। धूप सेंकने के बहुत से फायदे हैं।

गलत पाॅजिशन में सोना
सोते समय सही पोजिशन में लेटें। गर्दन के नीचें हाथ रख नहीं सायें। या उल्टा, तिरफा लेट कर नहीं सायें। हमेशा पीठ के बल सोयें। गलत स्थिति में सोने से नींद अच्छी सही नहीं आती है। और अगर नींद आ भी गई तो कमर दर्द, गर्दन दर्द, हाथ दर्द, बाजू दर्द, गैस्टिक, अपचन, शरीर में झंझनाहट आदि समस्याएं होने की सम्भावनाएं रहती हैं।

सोने का समय निर्धारण
नियमित सोने का समय एक जैसा रखें। देर रात तक जागने से बचें। रात्रि 10 से 11 बजे के मध्य सोने का नियम बनायें। और सुबह 5 से 6 बजे के मध्य उठने का नियम बनायें। सुबह समय पर उठने से दिनचर्या सही बना रहता है। शोध अनुसार 65 प्रतिशत लोग देर रात से साते हैं, और सुबह देर से जागते हैं, जिससे दिनचर्या कार्यों में बिलम्ब और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सुबह समय पर उठकर 45 मिनट सुबह सैर, योगा और व्यायम करें। सोने और उठने का समय भी व्यक्ति के स्वास्थ और जीवन शैली बतलता है।

रात्रि भोजन
रात्रि भोजन सीमित मात्रा में खायें। भूख से 20 प्रतिशत कम खायें। रात्रि कम खाने से नींद अच्छी आती है, पाचन तंत्र और मोटापा भी नियंत्रण में रहता है। और रात्रि को तला, भुना और सख्त खाने से बचें।

नाकारात्मक सोच
हमेशा सकारात्मक सोच रखें। सकारात्मकता आने से नींद अच्छी आती है, सोते समय बिस्तर पर लेटने पर नेगटिव विचार नहीं आते।सकारात्मक सोच से तनावमुक्त रहने पर ही व्यक्ति चैन की नींद सो सकता है।