कनमैसिन क्या है ?
मुख्य रूप से कनमैसिन एंटीबायोटिक रूप में इस्तेमाल किया है। कनमैसिन आमतौर पर टीबी, यौन संचारित संक्रमण, गोनोरिया (सूजाक) त्वचा संक्रमण, आंख संक्रमण और जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एंटीबायोटिक कनमैसिन बैक्टीरिया इंफेक्शन की वृद्धि फैलने से रोकने में सक्षम है। कनमैसिन एक खास एंटीबायोटिक श्रेणी में आता है। कनमैसिन का र्फामुला C18H38N4O15S है। और ड्रग क्लास 8063-07-8 है।
कनमैसिन दवा 5 तरह से उपलब्ध होती है
कनमैसिन निम्नलिखित 5 तरह से खुराक और क्षमता के आधार पर उपलब्ध होती है।
- इंजेक्शन (आमतौर पर)
- कैप्सूलस
- गोलियां
- आंखों की ड्रॉप
- पाउडर
कनमैसिन इंजेक्शन
कनमैसिन आमतौर पर इंजेक्शन रूप सबसे ज्यादा उपयोग होता है। जिसमें -
- कनमैसिन 250 एम.जी. इंजेक्शन
- कनमैसिन 500 एम.जी. इंजेक्शन
- कनमैसिन 750 एम.जी. इंजेक्शन
- कनमैसिन 1 ग्राम इंजेक्शन उपलब्ध होते हैं।
कनमैसिन दुष्प्रभाव
- दर्द
- दस्त
- सिरदर्द
- कानों का बजना
- सूजन
- मत्तली
- गुर्दे की चोट
- उल्टी
- चक्कर आना अनजान
- दुर्बलता
- लाल चकत्ते
- एलर्जी
- झुनझुनी
कनमैसिन में सावधानियां
- गर्भवती के लिए कनमैसिन दवा मना है, मानव भ्रूण पर दुष्प्रभाव पड सकता है, (परन्तु कई मामलों में डाॅक्टर कनमैसिन इंजेक्शन-250 एम.जी. दे सकते हैं)।
- गुर्दे के मरीजों के लिए कनमैसिन हानिकारक हो सकती है।
- मांसपेशी संबंधी विकारों में कनमैसिन दुष्प्रभाव डाल सकती है।
- पार्किंसन रोग में भी कनमैसिन दवा नहीं ली जा सकती।
- आंतों में सूजन में कनमैसिन दवा लेने से बचें।
- पेट में सूजन समस्या में कनमैसिन दवा नहीं लें।
- लगातार एसटीडी समस्या रहने पर कनमैसिन दवा नहीं लें।
- मायस्थीनिया ग्रेविस होने पर कनमैसिन नहीं ली जा सकती।
- निर्जलीकरण (शरीर में पानी की कमी से होने वाला रोग) डिहाइड्रेशन होने पर कनमैसिन दवा लेने से बचें।
- कनमैसिन लेने के बाद चक्क्र सरदर्द होने पर वाहन नहीं चलायें।
- कनमैसिन दवा लगातार नहीं लें, यह व्यसनी या आदत बना सकती है।