शरीर सात चक्र से बना हुआ है। जिसमें मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्वि, आज्ञा, सहस्रार प्रमुख हैं। सभी चक्रों का अलग अलग काम हैं। शरीर में शक्ति ऊपर दिशा मूलाधार चक्र से होकर सहस्रार चक्र में जाती है। हमारी जीवन व्यस्तथा, अनियमित, अस्वास्थ, रोग विकारों की स्थिति में सहस्रार चक बाधित प्रभावित हो जाता हैं। जिससे शरीर के कई अंग सही तरह से काम नहीं करते और ऊर्जा रक्त संचार प्रभावित होती है। और शरीर की आकृति और व्यवहार में बदलाव होने लगते हैं। जिसके कारण शरीर में समस्याऐं आरम्भ होनी लगती है। सिद्धासन शरीर के सातों चक्रों को सुचारू करने में सक्षम महत्पूर्ण है।

सिद्धासन से फायदे
सिद्धासन करने से ध्यान लगाने में एकाग्रता आती है। स्मरण शक्ति में वृद्वि होती है। भूलने की समस्या से छुटकारा पाने में सिद्धासन अहम है। सिद्धासन से शरीर की ऊर्जा आसानी से प्रवाह बहाल रहती है और सभी सातों चक्र संतुलित रहते हैं। व्यक्ति मेहनत करने के साथ अपने कार्य में महारथ सिद्धि हांसिल कर लेता है। इसलिए सिद्धासन प्रमुख व अहम माना जाता है।
सिद्धासन की विधि
स्टेप 1: सिद्धासन करने के लिए सर्वप्रथम पैर आगे की ओर कर आराम से बैठ जायें।
स्टेप 2: फिर धीरे धीरे दायें पैर को मोड़ कर एड़ी को ज्वाइंट से मिला लें।
स्टेप 3: फिर धीरे धीरे बायां पैर मोडकर जांघों के मध्य लायें। और एड़ी को दाएं पैर की एड़ी पर लाये। अपनी आसानी के लिए पैरों के क्रम को बदल कर आसन बना सकते हैं।
स्टेप 4: अब सीधे बैठें और समान्य रहें। सांस की स्थिति भी सामान्य रखें। और मस्तिष्क ज्ञानचक्र में ध्यान एकाग्रत केन्द्रित करें और शान्त ध्यान मुद्रा में रहें।
सिद्धासन से लाभ
सिद्वासन बढ़ाये ध्यान स्मरण शक्ति / Learn to Concentrate Siddhasana in Hindi

सिद्धासन से फायदे
सिद्धासन करने से ध्यान लगाने में एकाग्रता आती है। स्मरण शक्ति में वृद्वि होती है। भूलने की समस्या से छुटकारा पाने में सिद्धासन अहम है। सिद्धासन से शरीर की ऊर्जा आसानी से प्रवाह बहाल रहती है और सभी सातों चक्र संतुलित रहते हैं। व्यक्ति मेहनत करने के साथ अपने कार्य में महारथ सिद्धि हांसिल कर लेता है। इसलिए सिद्धासन प्रमुख व अहम माना जाता है।
सिद्धासन की विधि
स्टेप 1: सिद्धासन करने के लिए सर्वप्रथम पैर आगे की ओर कर आराम से बैठ जायें।
स्टेप 2: फिर धीरे धीरे दायें पैर को मोड़ कर एड़ी को ज्वाइंट से मिला लें।
स्टेप 3: फिर धीरे धीरे बायां पैर मोडकर जांघों के मध्य लायें। और एड़ी को दाएं पैर की एड़ी पर लाये। अपनी आसानी के लिए पैरों के क्रम को बदल कर आसन बना सकते हैं।
स्टेप 4: अब सीधे बैठें और समान्य रहें। सांस की स्थिति भी सामान्य रखें। और मस्तिष्क ज्ञानचक्र में ध्यान एकाग्रत केन्द्रित करें और शान्त ध्यान मुद्रा में रहें।
सिद्धासन से लाभ
- सिद्धासन करना अति लाभदायक है।
- बच्चों को पढ़ाई में ध्यान केन्द्रित करने में सिद्धासन सक्षम उत्तम माना जाता है।
- सिद्धासन दिमाग स्मरणशक्ति तेजी से बढ़ाने में सक्षम है।
- शरीर के कुण्डलियां सक्रीय करने में और सांस, हृदय, दमा आदि अनेकों रोगों से छुटकारा मिलता है।
- सिद्धासन शरीर के सातों चक्रों की ऊर्जा सुचारू बहाल करने में अति सक्षम है।