मयूरासन, मयूर की तरह किया जाने वाला आसन है। मयूरासन में शरीर की आकृति मयूर की तरह बन जाती है। मयूरासन में पूरे शरीर का भार केवल दोनों हाथों पर टिकाना पड़ता है। और संतुलन बनाकर रखना पड़ता है। मयूरासन करने का तरीका और मयूरासन करने से फायदें ।
दृष्टि विकार मिटाये
आंखों सम्बन्धित विकारों को दूर करने के लिए मयूरासन अच्छा माध्यम है। आंखों की दृष्टि से सम्बन्धित समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मयूरासन सक्षम है।
पाचन तंत्र
मयूरासन पाचन तंत्र को सुचारू दुरूस्त रखने में सक्षम है। पेट की गैस, पेट में दर्द रहना, पेट साफ न रहना, पेट भारी लगना में मयूरासन पेट से सम्बन्धित बीमारियों को दूर करने में सहायक है।
आंतरिक तंत्र
मयूरासन शरीर के आंतरिक तत्रं जैसेकि यकृत, आमाश्य, गुर्दे, अग्नाश्य, फेफड़ों इत्यादि समस्याओं को दूर करने में सक्षम है।
त्वचा एंव मांसपेशियों
मयूरासन त्वचा में चमक, रक्त संचार को सुचारू करने में सहायक है। पैर, हाथ, कन्धे की मांसपेशियां खिच जाती है और मजबूत बनती है।
मधुमेह
मधुमेह रोग होने पर रोज मयूरासन करने से मधुमेह नियत्रंण में रहता है। मयूरासन करने से शरीर चुस्त व फुर्तीला बना रहता है। मयूरासन एक तरह से डायबिटीज निवारण योगा है।
आंतों और मूत्राशय
मयूरासन करने से आंतों और मूत्राशय से सम्बन्धित समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
मयूरासन की विधि
स्टेप 1: मयूरासन करने के लिए सबसे पहले दोनो घुटनों के बल पर बैठें, फिर धीरे से आगे की ओर सीधे झुकें।
स्टेप 2: आगे की ओर दोनों हाथों की कोहनियां मोड़कर पेट नाभि पर सटा यें। फिर शरीर का पूरा संतुलन पंजों हाथों के बल पर रखें और धीरे धीरे पैर और शरीर सीधा करें।
स्टेप 3: शरीर मयूर की तरह दिखना चाहिए। दोनों हाथों पर शरीर का पूरा संतुलन पड़ता है। संतुलन बनाकर रखें। नित्य मयूरासन करने से अभ्यास अच्छा हो जाता है।
मयूरासन में सावधानियां
मयूरासन के फायदे व विधि / Mayurasana Benefits / Mayurasana ke fayde
दृष्टि विकार मिटाये
आंखों सम्बन्धित विकारों को दूर करने के लिए मयूरासन अच्छा माध्यम है। आंखों की दृष्टि से सम्बन्धित समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मयूरासन सक्षम है।
पाचन तंत्र
मयूरासन पाचन तंत्र को सुचारू दुरूस्त रखने में सक्षम है। पेट की गैस, पेट में दर्द रहना, पेट साफ न रहना, पेट भारी लगना में मयूरासन पेट से सम्बन्धित बीमारियों को दूर करने में सहायक है।
आंतरिक तंत्र
मयूरासन शरीर के आंतरिक तत्रं जैसेकि यकृत, आमाश्य, गुर्दे, अग्नाश्य, फेफड़ों इत्यादि समस्याओं को दूर करने में सक्षम है।
त्वचा एंव मांसपेशियों
मयूरासन त्वचा में चमक, रक्त संचार को सुचारू करने में सहायक है। पैर, हाथ, कन्धे की मांसपेशियां खिच जाती है और मजबूत बनती है।
मधुमेह
मधुमेह रोग होने पर रोज मयूरासन करने से मधुमेह नियत्रंण में रहता है। मयूरासन करने से शरीर चुस्त व फुर्तीला बना रहता है। मयूरासन एक तरह से डायबिटीज निवारण योगा है।
आंतों और मूत्राशय
मयूरासन करने से आंतों और मूत्राशय से सम्बन्धित समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
मयूरासन की विधि
स्टेप 1: मयूरासन करने के लिए सबसे पहले दोनो घुटनों के बल पर बैठें, फिर धीरे से आगे की ओर सीधे झुकें।
स्टेप 2: आगे की ओर दोनों हाथों की कोहनियां मोड़कर पेट नाभि पर सटा यें। फिर शरीर का पूरा संतुलन पंजों हाथों के बल पर रखें और धीरे धीरे पैर और शरीर सीधा करें।
स्टेप 3: शरीर मयूर की तरह दिखना चाहिए। दोनों हाथों पर शरीर का पूरा संतुलन पड़ता है। संतुलन बनाकर रखें। नित्य मयूरासन करने से अभ्यास अच्छा हो जाता है।
मयूरासन में सावधानियां
- मयूरासन खाली पेट करें, हर आसन खाली पेट करना अच्छा होता है।
- मयूरासन को पहले अच्छे से समझें और फिर दोहरायें।
- मयूरासन जानकार एक्सपर्ट की देखरेख में करें।