वृक्षासन पैरों के बल पर पेड़ की तरह खड़े होकर किया जाने वाला विशेष आसन है। वृक्षासन से शरीर का संतुलन स्थिर रखना पड़ता है। जिससे कई महत्वपूर्ण फायदे होते हैं।
प्राचीन काल में ऋषिमुनि एक पैरों के बल पर खड़े होकर वृक्षासन योग करते थे और तनावमुक्त होकर लम्बी आयु को जीते थे। आज हम आपको वृक्षासन करने के लाभ व विधि बता रहे हैं। जोकि दिमाग की स्थिरता तनाव दूर करने में सक्षम है। वृक्षासन करने के लिए शान्त वातावरण चुनें। वृक्षासन को Tree Pose भी कहा जाता है।

स्टेप 2: सावधान मुद्रा में सीधे खड़े होकर फिर दोनों पावों के बीच एक फीट का फासला बनायें।
स्टेप 3: दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाइये, और दोनों हथैलियां मिला लें।
स्टेप 4: दहिने पैर को मोड़कर उसे तलवे को बाई जांघ पर सटा कर टिका दें।
स्टेप 5: इस तरह से बाएं पैर पर शरीर का पूरा सन्तुलन बन जाए। और साथ में हथैलियां सिर कंधे तीनों एक ही दिशा में सीधे हो। यह प्रक्रिया पांच मिनट तक करें। फिर दूसरा पैर पर संतुलन बदलें।
नोट: ब्लड प्रेशर, माईग्रन, गर्भावस्था में वृक्षासन वर्जित है।
वृक्षासन करे तनावमुक्त / Vriksasana for Tension Free Mind

वृक्षासन से फायदे
- वृक्षासन रोज सुबह उठकर करने से दिमाग शांत और एकाग्रता आती है।
- वृक्षासन शरीर को सुडौल और मांसपेसियों को मजबूत बनाने में अहम है।
- वृक्षासन करने से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
- मांसपेसियों में खिचाव आने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- वृक्षासन से कूल्हों पर जमी फालतू चर्बी नियत्रण में रहती है।
- तोंद बढ़ने पर वृक्षासन उत्तम माध्यम है। तोंद घटाने में वृक्षासन फायदेमंद है।
- बच्चों के लिए वृक्षासन बरदान साबित है, वृक्षासन से दिमाग की एकाग्रता बढ़ती है और बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगा रहता है। भूलने की समस्या दूर होती है।
- नींद न आने पर वृक्षासन करने से अनिद्रा से छुटकारा मिलता है। और चैन की अच्छी नींद आती। दिमाग शान्त रहता है।
वृक्षासन करने की विधि
स्टेप 1: वृक्षासन करने के लिए शान्त वातावरण चुन लें। सुबह उठ कर करने से ज्यादा फायदा होता है।स्टेप 2: सावधान मुद्रा में सीधे खड़े होकर फिर दोनों पावों के बीच एक फीट का फासला बनायें।
स्टेप 3: दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाइये, और दोनों हथैलियां मिला लें।
स्टेप 4: दहिने पैर को मोड़कर उसे तलवे को बाई जांघ पर सटा कर टिका दें।
स्टेप 5: इस तरह से बाएं पैर पर शरीर का पूरा सन्तुलन बन जाए। और साथ में हथैलियां सिर कंधे तीनों एक ही दिशा में सीधे हो। यह प्रक्रिया पांच मिनट तक करें। फिर दूसरा पैर पर संतुलन बदलें।
नोट: ब्लड प्रेशर, माईग्रन, गर्भावस्था में वृक्षासन वर्जित है।