अनुलोम विलोम प्राणायाम के चमत्कारी असर Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi अनुलोम विलोम प्राणायाम के चमत्कारी असर Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम के चमत्कारी असर Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi

प्रसिद्व अनुलोम विलोम प्राणायाम सम्पूर्ण भारत और विश्व के हर कोने में किया जाने वाला खास प्राणायाम है। अनुलोम विलोम प्राणायाम में व्यक्ति सांस लम्बे से लेता और छोड़ता है। और सांस की लेने एवं छोड़ने की प्रक्रिया को अनुलोम विलोम प्राणायाम कहते हैं। अनुलोम विलोम प्राणायाम के सैकड़ों महत्वपूर्ण फायदे हैं।



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अनुलोम विलोम प्राणायाम से लाभ

  • अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से शरीर की समस्त नाडि़यां, दुरूस्त और निरोग होती है।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम से गठिया, सूजन, जोड़ों पर होने वाले दर्द ठीक करने में सक्षम है।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम एक तरह का नाड़ी शोधक आसन है।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से सर्दी, जुकाम, दमा, फेफड़े ठीक रखने में अहम है।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम से फेफड़ों और मस्तिष्क की दूषित वायु वाहर निकल कर नई शुद्व वायु प्रवेश करती है। जिससे वायरल, सूक्ष्म जीवाणु, दुर्गंध, सांस की दिक्कत सभी को दूर करता है और शरीर को स्वस्थ रखने में अनुलोम विलोम प्राणायाम अच्छा माध्यम है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम का तरीका

  • जमीन पर दर्ररी कंबल बिछाकर बैठ जायें। फिर पद्यासन या सिद्वासन की पोजिशन में बैठें।
  • दहिने हाथ के अंगूठे से दहिने नांक छिद्र को बंद कर दूसरी नांक छिद्र से लम्बी हल्की सांस लें।
  • फिर बायीं नांक छिद्र को साथ वाली उंगली से बंद कर सांस दहिनें नांक छिद्र से छोड़े।
  • इसी तरह से बारी बारी से नांक के दोनों छिद्रों से एक-एक कर सांस लें और छोड़े।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम 8-10 मिनट तक ही करना चाहिए। सुबह खुली हवा और शांन्त वातावरण में ज्यादा असरदार है। 
नोट : घातक रोग, दमा, सर्जरी जैसे विकारों में अनुलोम विलोम प्राणायाम नहीं करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम करते वक्त आराम से करें। जोर जोर से न करें। सांस की गति पर नियत्रंण रखें।