शशांकासन बहुप्रचलित आसन है। शशांकासन ऐसा आसन है जोकि तन, दिमाग, मांसपसियों, पेट, के अहम है। शशांकासन यानिकि शावक खरगोश की आकृति वाला उपयोगी लाभदायक आसन है। शशांकासन करते समय शरीर पर नियत्रण के साथ सांस पर पूरा ध्यान रख कर किया जाता है। सांस एक जैसी धीरे-धीरे गति से ली जाती है। शशांकासन को Hare Pose, Rabbit Pose भी कहा जाता है।
शशांकासन के फायदे / Shashankasana
शशांकासन करने से लाभ
शशांकासन करने की विधि
शशांकासन में सावधानियां
- शशांकासन करने से तनाव से मुक्ति मिलती है।
- शशांकासन हिसाब से फालतू चर्बी को शरीर से घटाता है। शशांकासन करते समय पेट पर सीधे असर पड़ता है। पेट पाचन तंत्र दुरूस्त रहता है। गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- गुस्से को दूर करने में शशांकासन सक्षम है। फेफड़े, आंत, मांसपेसियां, हद्य, दुरूस्त रहते हैं।
- शरीर को लचीला व चुस्त रखने में शशांकासन सक्षम है।
- दिल से सम्बन्धित समस्त विकारों से छुटकारा दिलाने में शशांकासन फायदेमंद है।
- शशांकासन करने के लिए जमीन पर कोई चटाई बिछा लें।
- पैरों को पीछे की तरफ मोड़े और एडि़यों के बल बैठें।
- आगे की ओर झुक कर दोनों हथेलियों को जमीन पर लगायें। माथा सिर जमीन पर टिकायें।
- सांस रोके, सांस निकासी के समय शरीर में लचीलापन होना चाहिए। शरीर में किसी तरह का दबाव न लें।
- अब सिर को धीरे धीरे हाथों तक ले जाईयें। स्थिर स्थित में आकर फिर पुनः पहले वाली सीधे स्थिति में आयें। इसी तरह से 5-6 बार शशांकासन करें।
- शशांकासन खाली पेट करें।
- शशांकासन करने से पहले वज्रासन जरूर करें।
- शशांकासन करते समय सांस नियत्रण और पोजिशन पर जरूर ध्यान दें।
- जल्दीबाजी में कोई भी आसन न करें।
- हाई ब्लडप्रेशर में शशांकासन नहीं करें।
- कमर डिस्क समस्या में शशांकासन नहीं करें।
- हर्निया होने पर शशांकासन मना है।
- सर्जरी गम्भीर बीमारी में शशांकासन न करें।